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कविता: मुबारक हो रंगों का त्योहार


नव चेतना ,नव उमंग से,
मनाये होली का त्योहार,
मधुर मिलन हो इस होली में,
मुबारक हो ये रंगों का त्योहार।
नए रंग से ,नए जूनून से,
लगाओ सबको गुलाल,
रंग गुलाल लगे तेरे चेहरे पे
मुबारक हो ये रंगों का त्योहार।
नव जीवन हो, नव दिवस हो
मिले आप सबको इस होली में,
जिंदगी में खुशियां अपार,
मुबारक हो ये रंगों का त्योहार।
दुआ है रब से यही मेरी आरजू है,
खुशियों से भरा हो ये त्योहार,
आपकी जिंदगी भी हो रंगीन,
मुबारक हो ये रंगों का त्योहार।

©नृपेंद्र अभिषेक नृप ,
छपरा, बिहार


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