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घोड़ासहन : एक माह के भीतर ही हटाए गए थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय, कई तरह की बाते आ रही है सामने


अभी करीब पूरा एक माह भी नहीं हुआ घोड़ासहन थानाध्यक्ष अनुज कुमार पांडेय का योगदान का, इसी बीच इनको थाना से हटाकर जिला में बुला लिया गया है। अब तक के इतिहास में यह पहला बार भी हो सकता है। हलाकि हटाए जाने को लेकर कई तरह की बाते भी सामने आ रही है। कुछ लोगो का कहना है कि पदस्थापना के समय से ही तीन पैसे के हिसाब से कई प्राथमिकियाँ भी दर्ज हुए। तो कुल मिलकर ये घूसखोर टाइप के थे। वही कुछ लोगो का मानना है कि बहुत ही अच्छे थानाध्यक्ष थे। इनका कार्यकाल पीछे भी अच्छा रहा है और घोड़ासहन के हिसाब से ये फिट थे, तभी इनका पोस्टिंग यहाँ किया गया था। शराब को लेकर ये काफी सख्त भी थे। इसको लेकर कई ऐसे शराब के ठिकानों पर इन्होने छापा मारा जहाँ पिछले कई दशकों से किसी ने भी जहमत नहीं उठाई। हलाकि इसको लेकर जाने माने कई जनप्रतिनिधियों का इनके पास पैरवी भी आई। लेकिन इन्होने वही किया को कानून सांगत था। इसको हिसाब से कुछ जनप्रतिनिधि इनको हटवाने में अपना पीठ भी थप थापा रहें है। इधर हाल ही एक निजी क्लिनिक में 7 माह की प्रसूता की मौत मामले में सेटिंग गेटिंग को लेकर भी इनका यहाँ से हटाया जाना भी चर्चा में है। इसमें भी कई लोग इनके ट्रांसफर के पीछे अपना हाथ होने की बात बताकर वाह वाही भी लूटने में लगे हैं। खैर जितनी मुँह उतनी बातें सामने आ रही है। इन सब से अलग ट्रांसफर पोस्टिंग के आला कमान ने इनके यहाँ से हटाए जाने का कारण स्पष्ट करते बताया है कि अभी लोक सभा चुनाव होना है और अनुज कुमार पांडेय पहले पश्चमी चम्पारण बेतिया लोक सभा क्षेत्र में पदस्थापित थे और अब जहाँ ये पदस्थापित हुए हैं वहां बेतिया क्षेत्र का भी कुछ हिस्सा पड़ता है। इसलिए घोड़ासहन थाना से इनको हटाकर महेंद्र कुमार को यहाँ का थानाध्यक्ष बनाया गया है। 

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