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शातिर कुणाल सिंह को हथियार व उसके दो साथियों के साथ पुलिस ने किया गिरफ्तार,देखिए वीडियो

चम्पारण के मोस्टवांटेड कुणाल सिंह को हथियार व उसके दो साथियों के साथ पुलिस ने किया गिरफ्तार
राहुल कुमार/रवि गुप्ता मोतिहारी
मोतिहारी : लोडेड पिस्टल के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ा जिले का कुख्यात  कुणाल सिंह ने पुलिस के समक्ष कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है.वही उसके दो शार्प शूटर सुमन सौरभ तथा सिगरेट सिंह भागने में सफल रहा.इस दौरान उसने कई बड़े खुलासे भी किए हैं.कुणाल की गिरफ्तारी से कई सफेदपोश बेनकाब हुए हैं.एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि अबतक वह बबलू दुबे, राहुल सिंह व संतोष सिंह के इशारे पर अपराध कर रहा था.उसके अपराध के पीछे कई सफेदपोश करोड़पति बन गए. उसे एवं उसके संरक्षक
गिरफ्तार अपराधी कुणाल सिंह के साथ प्रेसवार्ता करते एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा
डुमरियाघाट खजुरिया के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, जहां से उसकी जमानत हो गई.रक्सौल जीडीएस स्कूल के संचालक बिजुल सिंह को पूछताछ के बाद शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.27 मार्च को कुणाल सिंह अपने साथी राजतिलक की सहायता से कोर्ट से भागने के बाद वह खजुरिया अमरेंद्र सिंह के घर शरण लिया.जिसके बाद बबलू दुबे की हत्या की


साजिश रची गयी.एसपी ने कहा कि बबलू दूबे की 11 मई को कोर्ट परिसर में हुए हत्या के लिये पैक्स अध्यक्ष ने राशि
पुलिस हिरासत में कुणाल सिंह
उपलब्ध कराई थी. 10 लाख पहले व बाद में दो लाख रूपये दिए गए थे.जिसमे से 1 लाख कोटवा जसौलीपट्टी के अपराधी संतोष सिंह को दिया, जो जेल में बन्द है.शीघ्र पुलिस उसे रिमांड पर लेगी. छोटू जायसवाल हत्याकांड में प्रयुक्त पिस्टल व गोली कुणाल के माध्यम से छतौनी के देवा गुप्ता ने 2 लाख 50
कुणाल सिंह से बरामद 9 एमएम पिस्टल की तस्वीर
हजार रूपये में खरीदा था. वही रक्सौल के जीडीएस स्कूल के संचालक बिजुल सिंह ने कैम्बिज स्कूल पर 3 जुलाई को फायरिंग कराई थी.उस घटना में कुणाल के साथ छोटू जायसवाल हत्याकांड का शूटर सुमन सौरभ व सिगरेट भी था.एसपी ने बताया कि कैम्ब्रिज स्कूल में फायरिंग के एक दिन पहले 2 जुलाई की रात्रि बिजुल सिंह के ही स्कूल के छात्रावास में कुुुणाल अपने साथियों के साथ हथियार लेकर ठहरा था.पुलिस गिरफ्त में आए बिजुल सिंह 2015 में पीपरा से विधान सभा का चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन उस सीट पर समझौता नहीं होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ सके. क्षेत्र में भ्रमण के दौरान कुणाल से उनकी मुलाकात हूई थी. हत्या तथा लूट के मामले में 1995 में जेल जाने के बाद जेल में हीं संतोष सिंह से मुलाकात हुई थी. जेल से निकलने के बाद उन्होंने रक्सौल में स्कूल खोला. स्कूल संचालन के दौरान प्रतिद्वंदिता को लेकर दूसरे स्कूल पर गोलीबारी कराई व रंगदारी की मांग कराई थी.
मकसद उक्त स्कूल से रंगदारी लेने के अलावे रक्सौल से भी दहशत के बूते रंगदारी वसूलना था.उसके विरुद्ध डेढ़ दर्जन से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज है. जिसमे पिपराकोठी, नगर थाना,  पिपरा, चकिया, बेतिया नगर थाने में हत्या व रंगदारी के मामले दर्ज है.कुणाल को फिलहाल चकिया के एक इंजीनियर को धमकी देने व हथियार के साथ पकड़े जाने के मामले में आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजा गया है. उसके विरुद्ध कुर्की वारंट भी निर्गत हो गया था.










छापेमारी के दौरान फरार हो गया सुमन सौरभ व सिगरेट सिंह
साहेबगंज के पहाड़पुर मनोरथ में पुलिस
कुणाल सिंह की फाइल फोटो
छापेमारी के दौरान कुणाल गिरोह के शातिर अपराधी सुमन सौरभ व सिगरेट सिंह के फरार हो जाने की बात एसपी श्री शर्मा ने बताया. बताया जाता है कि फरार होनेवाले दोनों अपराधी हथियार से लैस थे. हालांकि पुलिस टीम फरार दोनों शातिरों के गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. आसपास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान भी जारी है.

मुजफ्फरपुर और मोतिहारी की सीमा रेखा पर बसे गांव में था ठिकाना 
मुजफ्फरपुर और मोतिहारी की सीमा रेखा पर बसे गांव में था ठिकाना . नेपाल के साथ ही उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी,बेतिया,मोतिहारी में आतंक मचाये कुणाल सिंह पुलिस से बचने के लिए दो जिले मुजफ्फरपुर के सीमा रेखा स्थित गांवों में शरण ले रहा था.
उसके टोह में लगे पुलिस को लगातार उसके मोबाइल का लोकेशन मुजफ्फरपुर के साहेबगंज, देवरिया, मोतीपुर, बरुराज ,पूर्वी चंपारण के मेंहसी और चकिया थाने के गांवों में मिल रहा था. कुणाल सिंह मोतीपुर के वरजी,बरुराज थाना क्षेत्र के लखनसेन,पूर्वी चंपारण के मंगराही आदि सहित एक दर्जन गांवों में अपना ठिकाना बनाये हुए था. पुलिस के हरकत की जानकारी होते ही यह जिला बदल बगल के जिले के गांव में शरण ले लेता था. पूर्वी चंपारण की पुलिस कुणाल सिंह के तलाश में कई बार मुजफ्फरपुर जिले में मोर्चाबंदी की थी. लेकिन वह बच निकालता था.

मुकेश पाठक के साथ सात साल पहले मुखिया पति को भूना था . 
मुकेश पाठक के साथ सात साल पहले मुखिया पति को भूना था . गिरफ्तार कुणाल सिंह का संतोष झा और मुकेश पाठक गिरोह से भी संबंध था. संतोष झा गिरोह के लिए उसने कई हत्याकांडों को अंजाम दिया था. विगत 11 दिसंबर 2010 को मुकेश पाठक के साथ कुणाल मेंहसीं प्रखंड मुख्यालय में दिनदहाड़े गोलीबारी कर मुखिया सुषमा देवी के पति चंद्रकिशोर ठाकुर की हत्या कर दी थी. इसके अलावे विगत 3 जुलाई को रक्सौल स्थित एक निजी स्कूल पर एके-47 से फायरिंग,रंगदारी के लिए कई जगह फायरिंग व हत्याकांडों को अंजाम दे चुके कुणाल से पुलिस पूछताछ कर रही है.

पुलिस पर गोलीबारी कर फरार हो गया था कुणाल सिंह

विगत 11 मई 2017 को बेतिया न्यायालय परिसर में बब्लू दूबे हत्याकांड में शामिल होने की जानकारी के बाद पुलिस कुणाल सिंह और उसके गिरोह के पीछे पड़ गयी थी. इस क्रम में जानकारी मिलने पर विगत 11 सितंबर को पूर्वी चंपारण के कल्याणपुर थानाअंतर्गत पीपराखेम गांव में शातिर कुणाल की गिरफ्तारी के लिए पहुंची पुलिस की विशेष टीम और अपराधियों के बीच एक घंटे तक गोलीबारी हुई थी.
पुलिस पर एके-47 से फायरिंग करते हुए कुणाल सिंह उसका शागिर्द राम सिंह,सुमन सौरभ,सुजीत कुमार और उपेंद्र सिंह फरार हो गया था. इस घटना में लालबाबु सिंह का पुत्र हिमांशु सिंह घायल हो गया था. मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज हुआ था.
दो माह बाद 18 नवंबर को पुलिस की विशेष टीम हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर-15 से मैट्रो ट्रेन में सफर कर रहें कुणाल सिंह गिरोह के शातिर राम सिंह को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में उसने कुणाल के साथ बब्लू दूबे हत्याकांड,छापेमारी के लिए पहुंची पुलिस पर गोलीबारी के साथ ही कई हत्या,रंगदारी और लूट के घटनाओं में शामिल होने की बात बतायी थी.
50 हजार रुपये का इनाम घोषित करने के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा था. 
कुणाल सिंह पीपरा थाना के कुड़िया गांव का रहने वाला है. उसपर हत्या, रंगदारी व लूट के एक दर्न से अधिक मामले मोतिहारी, बेतिया जिले के विभिन्न थानों में दर्ज है. पुलिस ने उसपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित करने के लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया था.
गिरफ्तारी टीम में शामिल पुलिस को किया गया समान्नित
कुणाल के गिरफ्तारी में चकिया डीएसपी मुद्रिका प्रसाद, थानाध्यक्ष चकिया संजय कुमार सिंह, पिपरा थानाध्यक्ष सतोष कुमार, पिपराकोठी अभिषेक रंजन, केसरिया संजीव कुमार, डुमरियाघाट अभिषेक दुबे आदि शामिल थे.टीम को पुलिस कप्तान ने नगद व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

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