चार बच्चों को छोड़ माँ अपने प्रेमी संग फरार,बच्चों को है अब भी अपनी अम्मा का इंतजार
चार बच्चों को छोड़ माँ अपने प्रेमी संग फरार,बच्चों को है अब भी अपनी अम्मा का इंतजार
चम्पारण टुडे से डी एन कुशवाहा
रक्सौल :- थाना क्षेत्र के शीतलपुर में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसनें माँ की ममता और मोहब्बत दोनों को शर्मसार कर दियाहै। मिली जानकारी के अनुसार उक्त गाँव के अब्दुल वजीर मियाँ (काल्पनिक नाम) की पत्नी जकीना खातून (काल्पनिक नाम) अपने 4 नाबालिग बच्चों और पति को छोड़ अपने प्रेमी संग फरार हो गयी है । खातून के सबसे बड़ा बच्चा लगभग 6 साल और छोटे बच्चे की उम्र 1 साल है। शर्मसार करने वाली यह घटना पिछले 20 दिसम्बर की है। जब एक महिला ने माँ की ममता को भूल और सामाजिक मर्यादा को तोड़ अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी। इस मामले में महिला के पति ने अपने स्तर से खोजबीन करने के बाद मंगलवार को स्थानीय थाना में आवेदन दिया है। आवेदन के दौरान ही पता चला कि महिला आदापुर के भेड़ियारी निवासी अपने प्रेमी संग जाम नगर में रह रही है। हालाँकि अब मामले को सामाजिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश की जा रही है। उधर 4 नाबालिग बच्चों को रोते-बिलखते देख उसकी नानी कहती है कि भले वह सामाजिक लोक-लिहाज को अनसुना कर देती पर अपने 4 बच्चों को कैसे भूल गयी। जिसने माँ शब्द को ही कलंकित कर दिया है।
मां के इंतजार में चारो मासूम बच्चों की तस्वीर |
रक्सौल :- थाना क्षेत्र के शीतलपुर में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसनें माँ की ममता और मोहब्बत दोनों को शर्मसार कर दियाहै। मिली जानकारी के अनुसार उक्त गाँव के अब्दुल वजीर मियाँ (काल्पनिक नाम) की पत्नी जकीना खातून (काल्पनिक नाम) अपने 4 नाबालिग बच्चों और पति को छोड़ अपने प्रेमी संग फरार हो गयी है । खातून के सबसे बड़ा बच्चा लगभग 6 साल और छोटे बच्चे की उम्र 1 साल है। शर्मसार करने वाली यह घटना पिछले 20 दिसम्बर की है। जब एक महिला ने माँ की ममता को भूल और सामाजिक मर्यादा को तोड़ अपने प्रेमी के साथ फरार हो गयी। इस मामले में महिला के पति ने अपने स्तर से खोजबीन करने के बाद मंगलवार को स्थानीय थाना में आवेदन दिया है। आवेदन के दौरान ही पता चला कि महिला आदापुर के भेड़ियारी निवासी अपने प्रेमी संग जाम नगर में रह रही है। हालाँकि अब मामले को सामाजिक स्तर पर सुलझाने की कोशिश की जा रही है। उधर 4 नाबालिग बच्चों को रोते-बिलखते देख उसकी नानी कहती है कि भले वह सामाजिक लोक-लिहाज को अनसुना कर देती पर अपने 4 बच्चों को कैसे भूल गयी। जिसने माँ शब्द को ही कलंकित कर दिया है।
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